संदेश

Sant Rampal Ji Maharaj लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सतगुरु पुरुष कबीर हैं, चारों युग प्रवान। झूठे गुरुवा मर गए, हो गए भूत मसान।।

चित्र
सतगुरु पुरुष कबीर हैं , चारों युग प्रवान। झूठे गुरुवा मर गए , हो गए भूत मसान।। तत्वज्ञान के अभाव से श्रद्धालु शंका व्यक्त करते हैं कि जुलाहे रूप में कबीर जी तो वि. सं.   1455 ( सन् - 1398) में काशी में आए हैं। वेदों में कविर्देव यही काशी वाला जुलाहा (धाणक) कैसे पूर्ण परमात्मा हो सकता है ? इस विषय में दास (सन्त रामपाल दास) की प्रार्थना है कि यही पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) वेदों के ज्ञान से भी पूर्व सतलोक में विद्यमान थे तथा अपना वास्तविक ज्ञान (तत्वज्ञान) देने के लिए चारों युगों में भी स्वयं प्रकट हुए हैं। सतयुग में सतसुकृत नाम से , त्रेतायुग में मुनिन्द्र नाम से , द्वापर युग में करूणामय नाम से तथा कलयुग में वास्तविक कविर्देव (कबीर प्रभु) नाम से प्रकट हुए हैं। इसके अतिरिक्त अन्य रूप धारण करके कभी भी प्रकट होकर अपनी लीला करके अन्तध्र्यान हो जाते हैं। उस समय लीला करने आए परमेश्वर को प्रभु चाहने वाले श्रद्धालु नहीं पहचान सके , क्योंकि सर्व महर्षियों व संत कहलाने वालों ने प्रभु को निराकार बताया है। वास्तव में परमात्मा आकार में है। मनुष्य सदृश शरीर युक्त हैं। ...

Who is a Satguru / True Saint?

चित्र
Who is a Satguru / True Saint? Satguru is that precious treasure acquiring whom human beings can attain the ultimate abode, ‘Shashwat’ place ie. 'Sanatan Param Dham' or the 'Eternal World'. The title Satguru is specifically given to an Enlightened Saint also called a ‘Tatvadarshi Saint’ / a ‘Bakhabar’ / a Messiah. An enlightened saint is the knower of true spiritual knowledge whose life’s purpose is to impart a correct way of worship to initiated souls with which they will get relieved from the trap of Shaitan / Devil i.e. Brahm-Kaal and will reach their native place and attain God. A Satguru is one who knows the Supreme Lord of Truth ie. Satpurush or the Param Akshar Purush who is the creator of the universe.   True Saint is the one who imparts knowledge from holy scriptures. Provides a true way to worship which results in complete salvation. At present Saint Rampal ji Maharaj ji is the true Saint as he gives knowledge according to holy scriptures of every religion. He...

पूर्ण संत की क्या पहचान है ?

चित्र
पवित्र सद्ग्रन्थों से पूर्ण संत की पहचान :--- वेदों , गीता जी आदि पवित्र सद्ग्रंथों में प्रमाण मिलता है कि जब-जब धर्म की हानि होती है व अधर्म की वृद्धि होती है तथा वर्तमान के नकली संत , महंत व गुरुओं द्वारा भक्ति मार्ग के स्वरूप को बिगाड़ दिया गया होता है। फिर परमेश्वर स्वयं आकर या अपने परमज्ञानी संत को भेज कर सच्चे ज्ञान के द्वारा धर्म की पुनः स्थापना करता है। वह भक्ति मार्ग को शास्त्रों के अनुसार समझाता है। उसकी पहचान होती है कि वर्तमान के धर्म गुरु उसके विरोध में खड़े होकर राजा व प्रजा को गुमराह करके उसके ऊपर अत्याचार करवाते हैं। कबीर साहेब जी अपनी वाणी में कहते हैं कि :- जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावै (बतावै) , वाके संग सभि राड़ बढ़ावै। या सब संत महंतन की करणी , धर्मदास मैं तो से वर्णी।। कबीर साहेब अपने प्रिय शिष्य धर्मदास को इस वाणी में ये समझा रहे हैं कि जो मेरा संत सत भक्ति मार्ग को बताएगा उसके साथ सभी संत व महंत झगड़ा करेंगे। ये उसकी पहचान होगी। वह संत सभी धर्म ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा :-- प्रमाण सतगुरु गरीबदास जी की वाणी में --- “ सतगुरु के लक्षण कहूं , मधूर...