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करवा चौथ का व्रत भूलकर भी न करें जानिए क्यों ? Karva Chauth Puja Special Sant Rampal Ji

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करवा चौथ का व्रत भूलकर भी न करें जानिए क्यों ? नमस्कार दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि करवा चौथ का व्रत रखना सही है या गलत ? क्या करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए या नहीं ? कौन  है पूर्ण परमात्मा जिनकी भक्ति करने से मोक्ष मिलता है ? तो चलिए जानते हैं.............................. करवा चौथ  करवा चौथ भारतीय हिन्दू  महिलाओ द्वारा मनाये जाने वाले त्योहारों में से एक प्रमुख त्यौहार है  महिलाएं यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखती हैं यह व्रत सुहागिन औरतें अपने पति की दीर्घायु प्राप्ति के लिए रखती हैं वहीं कुछ अविवाहित औरतें भी अच्छा वर प्राप्त करने के लिए इस व्रत को रखती हैं  प्रचलित मान्यताएं  प्रचलित मान्यताओं के आधार पर अपने पति की लम्बी उम्र एवम अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन हिन्दू महिलाये पुरे दिन के लिए व्रत रखकर रात्रि में चन्द्रमा को अर्घ्य देने के उपरांत ही भोजन करती हैं  जो सुहागिन (सौभाग्यवती ) महिलायें अपने पति की आयु , स्वास्थ्य व् सौभाग्य की कामना करती हैं वे ये व्रत रखती हैं  हांथों में मेहँदी लगाकर , हार श्र...

Know who Kabir Saheb ji is on Kabir Saheb Prakat Diwas ( Kabir Jayanti 2021)?

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कबीर साहेब प्रकट दिवस

Why and How is consuming tobacco a hindrance in achieving God?

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  Consumption of tobacco has been described as the most sinful act and the biggest hindrance in achieving God. Even offering tobacco to someone is highly sinful. Those who worship but also consume tobacco or alcohol can never attain God. Possibly this is why tobacco is forbidden in Sikhism and is not cosumed by Sikhs.  Part 1: God's Punishment for Consuming Tobacco Part 2: Why Tobacco is a Hindrance in Achieving God? Part 3: Origin of Tobacco (तमाखू) - in God's Speech - How tobacco (तमा + खू = तमाखू) originated? What is it and How Tobacco is a Hindrance in Achieving God? Part 4: Garibdas Maharaj Ji's Vani on Tobacco

लोग नास्तिक क्यों हैं

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  क्या भगवान अस्तित्व में है? क्या भगवान के अस्तित्व का कोई प्रमाण है? क्या किसी ने कभी भगवान को देखा है? हम कहां से आए हैं? हम मृत्यु के बाद कहाँ जाते हैं? ये कुछ सवाल हैं जिन्होंने निश्चित रूप से हमारे दिमाग को किसी न किसी स्तर पर फंसाया है चाहे हम खुद को आस्तिक कहें या नास्तिक। हालाँकि हम आज तक इन सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं खोज पाए हैं। सभी धार्मिक नेता, संत और पुजारी परमात्मा के बारे में किए गए दावों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त प्रमाण देने में विफल रहे हैं। विज्ञान की उन्नति के कारण, इनमें से कुछ दावे तर्क की कमी होने से और अधिक प्रश्न उठाते हैं। इसके अलावा संतों और महात्माओं द्वारा किए गए दावों में बड़े पैमाने पर अस्पष्टता है जो एक ही धर्मशास्त्रीय पृष्ठभूमि से निकले हुए हैं, वे हिंदू धर्म हो, ईसाई धर्म हो, इस्लाम आदि हो जो निस्संदेह किसी व्यक्ति को धार्मिक ग्रंथों की मान्यता पर संदेह करने और भगवान के अस्तित्व के बारे में सवाल उठाने के लिए मजबूर करते हैं, कभी-कभी उन्हें नास्तिक बना देते हैं। इस लेख में भगवान के अस्तित्व (होने) या अनस्तित्व(न होने) के बारे में अधिकांश शंका...

आत्महत्या का समाधान

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आईये जानते हैं आत्महत्या का समाधान  नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सभी  यदि आप शारिरिक, मानसिक, आर्थिक किसी भी प्रकार की परेशानी से तंग आकर आत्महत्या करने की सोच रहे हैं तो रुकिये ....ठहरिये जरा... पहले इस पोस्ट पूरा पढ़े  क्या आपको लगता कि आपके आत्महत्या करने के आपके या आपके परिवार की समस्या नष्ट हो जाएगी ?  क्या आपके घर में खुशी आ जायेगी ?  क्या आत्महत्या से दुःख दूर हो जाएंगे ? बिल्कुल नहीं न ...! फिर आप आत्महत्या की क्यों सोच रहें हैं ? दोस्तो आत्महत्या करने से न सुख मिलती है न शांति अपितु शरीर को कष्ट ही मिलता है और जीवन नर्क बन जाता है । आज ही आत्महत्या का विचार अपने मन से त्याग दीजिए क्यों आत्महत्या महापाप होता है । आत्महत्या से कभी दुःख दूर नहीं हो सकता। इससे सिर्फ शरीर ही नष्ट होता है, क्यूंकि इस सृष्टि का विधान है की पाप कर्म का फल चाहे किसी भी जन्म में हो भोगना ही पड़ेगा। पाप कर्म सिर्फ पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब की सतभक्ति से ही कट सकतें है। अज्ञानता तथा सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज के कारण न जाने कितनी बेटियां आत्महत्या कर लेती हैं। हम चाहते हैं कि ऐसी गलती क...

आत्महत्या के विचार से छुटकारा कैसे पाएं ?

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आत्महत्या के विचार से छुटकारा कैसे पाएं ?  नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सभी  यदि आप शारिरिक, मानसिक, आर्थिक किसी भी प्रकार की परेशानी से तंग आकर आत्महत्या करने की सोच रहे हैं तो रुकिये ....ठहरिये जरा... पहले इस पोस्ट पूरा पढ़े  क्या आपको लगता कि आपके आत्महत्या करने के आपके या आपके परिवार की समस्या नष्ट हो जाएगी ?  क्या आपके घर में खुशी आ जायेगी ?  क्या आत्महत्या से दुःख दूर हो जाएंगे ? बिल्कुल नहीं न ...! फिर आप आत्महत्या की क्यों सोच रहें हैं ? दोस्तो आत्महत्या करने से न सुख मिलती है न शांति अपितु शरीर को कष्ट ही मिलता है और जीवन नर्क बन जाता है । आज ही आत्महत्या का विचार अपने मन से त्याग दीजिए क्यों आत्महत्या महापाप होता है । आत्महत्या से कभी दुःख दूर नहीं हो सकता। इससे सिर्फ शरीर ही नष्ट होता है, क्यूंकि इस सृष्टि का विधान है की पाप कर्म का फल चाहे किसी भी जन्म में हो भोगना ही पड़ेगा। पाप कर्म सिर्फ पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब की सतभक्ति से ही कट सकतें है। अज्ञानता तथा सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज के कारण न जाने कितनी बेटियां आत्महत्या कर लेती हैं। हम चाहते हैं कि ऐसी...

तीनों गुण क्या हैं | What are the Three Gunas

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  ‘‘तीनों गुणों के पुजारी दुष्कर्मी, राक्षसवृती के, मनुष्यों में नीच, मूर्ख हैं’’ ‘‘तीनों गुण रजगुण ब्रह्मा जी, सतगुण विष्णु जी, तमगुण शिव जी हैं। ब्रह्म (काल) तथा प्रकृति (दुर्गा) से उत्पन्न हुए हैं तथा तीनों नाशवान हैं‘‘ प्रमाण:- गीताप्रैस गोरखपुर से प्रकाशित श्री शिव महापुराण जिसके सम्पादक हैं श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार पृष्ठ सं. 110 अध्याय 9 रूद्र संहिता ‘‘इस प्रकार ब्रह्मा-विष्णु तथा शिव तीनों देवताओं में गुण हैं, परन्तु शिव (ब्रह्म-काल) गुणातीत कहा गया है। दूसरा प्रमाण:- गीताप्रैस गोरखपुर से प्रकाशित श्रीमद् देवीभागवत पुराण जिसके सम्पादक हैं श्री हनुमान प्रसाद पौद्दार चिमन लाल गोस्वामी, तीसरा स्कंद, अध्याय 5 पृष्ठ 123:- भगवान विष्णु ने दुर्गा की स्तुति की: कहा कि मैं (विष्णु), ब्रह्मा तथा शंकर तुम्हारी कृप्या से विद्यमान हैं। हमारा तो आविर्भाव (जन्म) तथा तिरोभाव (मृत्यु) होती है। हम नित्य (अविनाशी) नहीं हैं। तुम ही नित्य हो, जगत् जननी हो, प्रकृति और सनातनी देवी हो। भगवान शंकर ने कहा: यदि भगवान ब्रह्मा तथा भगवान विष्णु तुम्हीं से उत्पन्न हुए हैं तो उनके बाद उत्पन्न होने वाला म...