आत्महत्या के विचार से छुटकारा कैसे पाएं ?

आत्महत्या के विचार से छुटकारा कैसे पाएं ? 


नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सभी 

यदि आप शारिरिक, मानसिक, आर्थिक किसी भी प्रकार की परेशानी से तंग आकर आत्महत्या करने की सोच रहे हैं तो रुकिये ....ठहरिये जरा... पहले इस पोस्ट पूरा पढ़े 


क्या आपको लगता कि आपके आत्महत्या करने के आपके या आपके परिवार की समस्या नष्ट हो जाएगी ? 
क्या आपके घर में खुशी आ जायेगी ? 
क्या आत्महत्या से दुःख दूर हो जाएंगे ?

बिल्कुल नहीं न ...!

फिर आप आत्महत्या की क्यों सोच रहें हैं ? दोस्तो आत्महत्या करने से न सुख मिलती है न शांति अपितु शरीर को कष्ट ही मिलता है और जीवन नर्क बन जाता है ।

आज ही आत्महत्या का विचार अपने मन से त्याग दीजिए क्यों आत्महत्या महापाप होता है ।

आत्महत्या से कभी दुःख दूर नहीं हो सकता।
इससे सिर्फ शरीर ही नष्ट होता है, क्यूंकि इस सृष्टि का विधान है की पाप कर्म का फल चाहे किसी भी जन्म में हो भोगना ही पड़ेगा।
पाप कर्म सिर्फ पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब की सतभक्ति से ही कट सकतें है।

अज्ञानता तथा सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज के कारण न जाने कितनी बेटियां आत्महत्या कर लेती हैं। हम चाहते हैं कि ऐसी गलती कोई न दोहराए। इसलिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुडें और सतभक्ति से होने वाले अद्भुत लाभ प्राप्त करें।

संत रामपाल जी महाराज के बताये आध्यात्मिक ज्ञान से आज लाखों व्यक्तियों जीने की नई राह मिली है।
संत जी के बताये आध्यात्मिक ज्ञान से उनके सभी अनुयायी मानसिक तनाव, ग्रह कलेश, दहेज, नशा आदि समस्याओं से कोसों दूर हो चुके हैं। अपना जीवन नष्ट करने की बजाये उसे संतजी से नाम दीक्षा लेकर सार्थक बनाएं और मोक्ष पाएं।

कुछ लोग चिंता में पड़कर आत्मघात करके मनुष्य जीवन को बर्बाद कर देते हैं। 
जबकि मनुष्य जन्म इतना अनमोल है देवता भी मनुष्य जन्म पाने के लिये तरसते हैं। क्योंकि मनुष्य जन्म में ही व्यक्ति तत्वदर्शी संत से दीक्षा लेकर मोक्ष प्राप्त कर सकता है। आपकी जानकारी के लिये बता दें वर्तमान में तत्वदर्शी संत केवल संत रामपाल जी महाराज हैं।

मनुष्य जीवन अनमोल है इसको आत्महत्या करके नष्ट न करो, मनुष्य जन्म का मूल उद्देश्य जानो।
मानुष जन्म पाय कर, जो नहीं रटे हरि नाम।
जैसे कुंआ जल बिना, बनवाया क्या काम।।
मनुष्य जन्म परमात्मा की भक्ति के लिए मिला है। यदि भक्ति नहीं मिली तो मनुष्य जीवन व्यर्थ चला जायेगा। फिर कुत्ते, गधे, सुअर, शेर इत्यादि 84 लाख योनियों में भटकना पड़ेगा।

आत्‍महत्‍या करने के बाद जो जीवन होता है वह इस जीवन से ज्‍यादा कष्‍टकारी होता है।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि आत्महत्या और हत्या करना महापाप है यह घोर अपराध है ऐसे कर्म करने वाले को नरक में घोर सजा दी जाती है।

आत्महत्या करने से समस्या का समाधान नहीं होता। 
बल्कि आत्महत्या से तो अनमोल मानव जीवन नष्ट हो जाता है। यदि सुख से जीवन जीना है तो पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी  से नाम उपदेश लेकर सतभक्ति करनी चाहिए।

आत्महत्या कोई समाधान नहीं।
इंसान के जीवन में आत्महत्या का मुख्य कारण दुख या मानसिक तनाव होता है। दुख या मानसिक तनाव को बस पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति से ही समाप्त किया जा सकता है। अन्य कोई समाधान नहीं है।

अब कोई मत करना आत्महत्या।
आत्महत्या करना मतलब अपने आपको घोर संकट में डालना है। आत्महत्या करने से परेशानी दूर नहीं हो सकती सिर्फ शरीर नाश हो सकता है। उसके बाद पशु योनि तैयार है। फिर तो परेशानी ही परेशानी है।
इसलिए पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर सतभक्ति करें जिससे सभी परेशानियों से सदा के लिए छुटकारा मिल सके।

अब नहीं सोचेगा कोई आत्मत्या के बारे में।
माता के गर्भ में हमें इस अनमोल मानव जीवन के महत्व का पता होता है। लेकिन इस काल लोक में आते ही हम इस अनमोल जीवन के महत्व को भूलकर सांसारिक क्रियाओं में खो जाते हैं और इस काल लोक में सुख ढूंढते हैं, जहां दुख ही दुख हैं।
सुखमय जीवन जीने के लिए पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी शरण में आएं।

अब रुकेगा आत्महत्या का सिलसिला
किसी भी बुजुर्ग, माता, भाई, बहन बच्चे को अब जीवन से निराश होने की जरुरत नहीं है क्योंकि आपके जीवन की हर समस्या का समाधान अब संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई सतभक्ति में है।
उनकी शरण ग्रहण करें।

वर्तमान समय में जब पूर्ण संत पृथ्वी पर हैं तो आत्महत्या करने की सोचना सबसे बड़ी मूर्खता है।आओ संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण करो और सुखमय जीवन जीवन जीओ।

आत्महत्या कभी नहीं करनी चाहिए।
जो व्यक्ति कभी आत्महत्या करने पर आमदा थे आज पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर एक बहुत ही सुकून भरी जिंदगी जी रहे हैं।
आत्महत्या मत करियो कोई, ये है घोर अपराध।
शीघ्र लो संत रामपाल जी से नाम उपदेश, मत करो जीवन बर्बाद।

आत्महत्या घोर अपराध
मानव जीवन दुर्लभ है। इससे हम सतभक्ति कर सदा के लिए ऐसे स्थान पर जा सकते हैं जहां किसी प्रकार का कष्ट नहीं है।
इसीलिए इसे आत्महत्या कर नष्ट न करें बल्कि इससे सतभक्ति करें जिससे वर्तमान परेशानी भी दूर होंगी व सुखमय लोक में भी जा सकेंगे।

अब नहीं सोचना आत्महत्या के बारे में
मानव देह को पाने के लिए देवता भी तरसते हैं क्योंकि मनुष्य शरीर में ही मोक्ष संभव है।
इतने अनमोल शरीर को आत्महत्या कर नष्ट करना मूर्खता है।
किसी भी प्रकार की परेशानी परमात्मा की सतभक्ति से दूर हो जाती है। पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी से सतभक्ति प्राप्त कर अपना कल्याण कराएं।

अब न सोचना आत्महत्या की कभी
कुछ लोग घरेलू परेशानियों या अन्य आर्थिक, सामाजिक परेशानियों के कारण आत्महत्या का कुविचार पाल लेते हैं। 
इसका समाधान यही है कि पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी से सतभक्ति प्राप्त करें जिससे अच्छे संस्कार बनते हैं व भगवान का सहारा मिलता है जिससे परेशानी दूर होती है।

मनुष्य जीवन बहुत अनमोल है
इसका सदुपयोग करें। आत्महत्या करके ऐसे अंत न करें। पूर्ण गुरु से नाम उपदेश लेकर सतभक्ति करने से इस जन्म के ही नहीं बल्कि सर्व जन्मों के संकटों का निवारण होता है और वह पूर्ण गुरु वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही हैं।

 अब आत्महत्या करने की नहीं है ज़रूरत
जीवन के किसी न किसी दौर में हर किसी को निराशा महसूस होती है जब यहां अपने भी साथ छोड़ देते हैं। लेकिन जिसे पूर्ण संत की शरण मिल जाती है वह कभी हताश नहीं होता बल्कि इस मनुष्य जन्म का सदुपयोग कर सदा के लिए जन्म मरण से मुक्त हो जाता है।
वर्तमान में पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।

 अब आत्महत्या करने की नहीं है ज़रूरत
मौत को गले लगाने की बजाए पूर्ण संत से लगाव बनाएं और शास्त्र अनुकूल भक्ति करते हुए सांसारिक दुखों व जन्म मरण रूपी दीर्घ रोग से छुटकारा पाएं।

पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में हर समस्या का समाधान है।
मनुष्य शरीर में ही आप अपनी समस्याओं को एक दूसरे से साझा करके उनका समाधान ढूंढ सकते हैं। लेकिन आत्महत्या के बाद इंसान को प्रेत योनि या अन्य पशु-पक्षियों की योनि में जाना होगा जहां भयंकर पीड़ाएं भोगनी होंगी।


"जीने की राह" पुस्तक पढ़िए और अपने अमूल्य जीवन को बर्बाद होने से बचायें ।


जीने की राह पुस्तक घर-घर में रखने योग्य है। इसके पढ़ने तथा अमल करने से लोक तथा परलोक दोनों में सुखी रहोगे। पापों से बचोगे, घर की कलह समाप्त हो जाएगी। बहू-बेटे अपने माता-पिता की विशेष सेवा किया करेंगे। घर में परमात्मा का निवास होगा। भूत-प्रेत, पित्तर-भैरव-बेताल जैसी आत्माऐं उस परिवार के आसपास नहीं आएंगी। देवता उस भक्त परिवार की सुरक्षा करते हैं। अकाल मृत्यु उस भक्त की नहीं होगी जो इस पुस्तक को पढ़कर दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर साधना करेगा।

पुस्तक जीने की राह को पढ़ने से उजड़े परिवार बस जाऐंगे। जिस परिवार में यह पुस्तक रहेगी, इसको पढ़ेंगे। जिस कारण से नशा अपने आप छूट जाएगा क्योंकि इसमें ऐसे प्रमाण हैं जो आत्मा को छू जाते हैं। शराब, तम्बाकू तथा अन्य नशे के प्रति ऐसी घृणा हो जाएगी कि इनका नाम लेने से रूह काँप जाया करेगी। पूरा परिवार सुख का जीवन जीएगा। जीवन का सफर आसानी से तय होगा क्योंकि जीवन का मार्ग साफ हो जाता है।

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