जल्द ही दहेज प्रथा समाप्त हो जायेगा : संत रामपाल जी महाराज
प्रतिदिन कई जोड़ों का दहेज रहित विवाह संत रामपाल जी के दिखाए मार्गदर्शन से हो रहा है विवाह मंडप में वर – वधु ने माता – पिता व कुछ लोगों की उपस्थिति में रमैणी (शादी) की। दिपेन्द्रदास का विवाह पूजा दासी के साथ व महावीर दास का विवाह तनूजा दासी के साथ सम्पन हुआ। भारत एक ऐसा देश है जहां लोग दिखावे और दहेज वाली शादियां करने के शौकीन होते हैं। यहां लड़के की परवरिश यह सोच कर की जाती है कि लड़के की शादी ऐसे परिवार में करेंगे जहां से मोटा दहेज मिल सके। दहेज के लेन-देन ने समाज में भयावह स्थिति उत्पन्न की हुई है। भले लड़की का बाप साइकल चालक हो फिर भी लड़के वाले दहेज में उनसे मोटरसाइकिल मांगते हैं। सरकारी नौकरी में लगे लड़के के विवाह में वर पक्ष के लोग मुंह खोलकर दहेज मांगते हैं। परंतु समाज के बीचों-बीच एक ऐसा पंथ तैयार हो रहा है जहां दहेज लेना तो दूर वर वधू पक्ष के लोग दहेज के विषय में बात तक नहीं करते। यह पंथ है कबीर पंथ, जिसमें गुरू देव संत रामपाल जी के शिष्य अपने गुरु के वचनों पर डटे रहकर साधारण तरीके से विवाह करते हैं। संत रामपाल जी का उद्देश्य समाज को सभी तरह के विकारों और दहेज रूप...










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